टीवी शो 'उतरन' से मशहूर हुए ने जब टीवी शोज से अलविदा लेने का फैसला किया था, तो उनके फैंस को धक्का लगा था। नंदीश इन दिनों सुर्खियों में हैं अपनी फिल्म '' से। इस फिल्म में वह आनंद कुमार बने के भाई प्रणव कुमार की भूमिका में हैं, इसी महीने उनकी फिल्म 'फैमिली ऑफ ठाकुरगंज' भी रिलीज होगी, नंदीश से एक खास मुलाकात: साल 2014 में आपने जब आपने टीवी की शोहरत को छोड़कर फिल्मों में भाग्य आजमाने का फैसला किया, तो क्या वह निर्णय आपके लिए मुश्किल था?मुश्किल नहीं था वह फैसला, क्योंकि मैंने सोच-समझकर लिया था। मैं जानता था कि वह दौर वापस नहीं आनेवाला। अगर मैं कंफर्ट जोन में रह जाता, तो उससे कभी निकल न पाता। फिल्मों में नाम कमाना एक टीवी कलाकार के लिए बहुत मुश्किल चीज मानी जाती है। मैं कह सकता हूं कि मैंने शो का बुरा करके उसे नहीं छोड़ा। वे 18 साल का लीप ले रहे रहे थे और मैंने उनसे कह दिया था कि मैं उसमें कंफर्टेबल नहीं हूं। मैं 45-50 साल का फादर प्ले नहीं कर सकता। तो आपसी सहमति से मैंने यह शो छोड़ा था। 'सुपर 30' में आपको रितिक रोशन द्वारा निभाए जाने वाले आनंद कुमार के भाई प्रणव कुमार की भूमिका कैसे मिली? मैं खुशकिस्मत हूं, जो सही समय पर सही जगह था। असल में मुकेश छाबड़ा की कास्टिंग कंपनी ने मुझसे अप्रोच किया। मैंने इसके लिए कई ऑडिशंस दिए। मुझसे पहले भी कई लोगों को अप्रोच हुई थी, मगर उन्हें वे जंचे नहीं थे। मैं उन्हें जम गया और रोल मेरे हिस्से में आ गया। मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी थी और मैं जानता था कि आनंद कुमार की भूमिका के साथ-साथ प्रणव कुमार का किरदार भी कितना अहम है। मैंने इसके बारे में पढ़ा था और 'सुपर 30' में आप आनंद कुमार के भाई प्रणव कुमार की अहमियत को नजर अंदाज कर ही नहीं सकते। मुझे पता था कि वे इग्नोर नहीं हो सकते। शूटिंग के बाद रोल और ज्यादा निखार कर सामने आया है। रितिक जैसे स्टार के साथ काम का अनुभव कैसा रहा? क्या वह निजी बातें शेयर करते थे? वह लाजवाब कलाकार हैं। सेट पर वह काफी केयरिंग रहे। उन्होंने मुझे छोटे भाई की तरह ट्रीट किया। वह सेट अक्सर कहा करते थे कि मुझे अगर किसी चीज की जरूरत है, तो मैं उनसे बेधड़क कह दूं। मैंने जब उनसे उनके वर्कआउट के बारे में पूछा, तो उन्होंने एक्सरसाइज की तमाम बारीकियां एक्सप्लेन कीं। उन्होंने अपने ट्रेनर मुस्तफा से भी कहा कि अगर मुझे हेल्प की जरूरत हो, तो जरूर मदद करे। रितिक की खूबी यह है कि वह प्रफेशनल ऐक्टर हैं, पर्सनल जिंदगी को वह कभी भी सेट पर नहीं लाए। पिछले दिनों आनंद कुमार की नीयत और 'सुपर 30' की विश्वसनीयता विवादों में आ गई थी। इन विवादों का खामियाजा फिल्म को उठाना पड़ेगा?मुझे नहीं लगता कि इसका नुकसान फिल्म को होगा। हां, हो सकता है, इसका नुकसान आनंद जी को हो। उन पर प्रेशर हो। वह अपनी प्रतिष्ठा को लेकर चिंतित हों, मगर फिल्म के सेट पर वह निगेटिविटी कभी नहीं आई। दूसरी बार फिल्म विवादों में तब आ गई, जब विकास बहल के बाद अनुराग निर्देशक बन गए?निर्माताओं को जरूर इस विवाद का तनाव हुआ होगा। मगर हम सभी और अनुराग भी स्क्रिप्ट से चिपके रहे। फिल्म में दोनों निर्देशकों का तड़का लग गया। मेरा ज्यादा काम विकास बहल के साथ हुआ और अनुराग जी के साथ महज एक-दो दिन का शूट था। दोनों के साथ काम करना यादगार रहा। निर्देशकों के बदलने से सेट पर किसी तरह का कोई टेंशन नहीं थी। 'सुपर 30' के बाद अगले सप्ताह आपकी 'फैमिली ऑफ ठाकुरगंज' भी रिलीज होगी?इस बारे में मैं यही कहूंगा कि मैं काफी लकी हूं, जो एक महीने में मेरी दो अलग रंग की फिल्में रिलीज हो रही हैं। 'सुपर 30' रियल कहानी पर आधारित है, तो 'फैमिली ऑफ ठाकुरगंज' फिल्मी सब्जेक्ट है, जिसमें मैं मेन लीड कर रहा हूं। एक फैमिली ड्रामा है, जो थ्रिलर के पहलू से बुनी गई है। फिल्म में मेरे साथ जिमी शेरगिल और माही गिल हैं। आपने प्यार किया, शादी (रश्मि देसाई) की फिर अलगाव हुआ। क्या सीखा मैरेज से और क्या अब शादी और प्यार को लेकर कोई कड़वाहट है?शादी से मैंने यही सीखा कि एक-दूसरे की इज्जत करो। सामने वाले को स्पेस दो। अगर हमारी विचारधारा सामने वाले की विचारधारा से नहीं मिलती या हमें उसकी बातें पसंद नहीं आती, तो उसकी रिस्पैक्ट करें और उसे जाने दें। जबरदस्ती किसी रिलेशनशिप में नहीं रह सकते।
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