अनुपम खेर बॉलिवुड के सबसे बेहतरीन ऐक्टर्स में से एक हैं। अनुपम बॉलिवुड में अब तक 500 से ज्यादा फिल्में कर चुके हैं। हाल ही में उनकी क्राइम थ्रिलर 'वन डे' रिलीज हुई है। अपने सालों के संघर्ष के अनुपम खेर आज बॉलिवुड में फर्श से अर्श तक पहुंचे हैं। वह युवा ऐक्टर्स के लिए प्रेरणा हैं। हाल ही में उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपने संघर्षों की कहानी बयान की है। अनुपम ने पोस्ट में लिखा, 'मुझे याद है जब मैं छोटा था तो अपने दादाजी से पूछता था कि हम गरीब होने के बाद भी इतने खुश क्यों हैं। इसपर वह कहते कि खुशी हमारी सबसे सस्ती लग्जरी है। मेरे पिता काभी आशावादी थे। जब मैं 60 बच्चों में 59वें स्थान पर आया तो उन्होंने कहा कि बेहतर करने का ऑप्शन हमेशा रहता है। असफलताओं के ऐसे जश्न ने ही मुझे चलते रहना सिखाया।' अनुपम खेर ने बताया कि स्कूल के दिनों से ही वह प्ले में रुचि रखते थे। उन्हें स्टेज पर रहना अच्छा लगता था। वह फुल टाइम ऐक्टिंग करना चाहते थे। उन्होंने चंडीगढ़ में एक ऐक्टिंग कोर्स का ऐड देखा था। इसके लिए 100 रुपये चाहिए थे। वह 100 रुपये चुराकर ऑडिशन देने गए थे और सिलेक्ट भी हो गए। अनुपम ने मुंबई में अपने कठिन दिनों के बारे में भी लिखा है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में उनके पास कुछ भी नहीं था। न काम था, न पैसे न कोई मदद करने वाला था। तब उन्हें कभी प्लैटफॉर्म पर सोना पड़ता तो कभी बीच पर। अनुपम ने बताया कि वह अपने घरवालों को परेशान नहीं करना चाहते थे इसलिए उन्होंने अपने दादा जी को लिखा कि वह वापस आना चाहते हैं। इसके जवाब में दादाजी ने कहा, 'जो खुद पूरा भीगा हो, उसे बारिश का डर कैसा?'
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