हाल में फिल्म '' से के साथ बॉलिवुड में डेब्यू करने वाली ऐक्ट्रेस शार्मिन सहगल की परफॉर्मेंस की काफी तारीफ हो रही है। शार्मिन ने फिल्मों में आने से पहले केवल अपने अंकल संजय लीला भंसाली को असिस्ट ही नहीं किया है बल्कि ऑन-स्क्रीन अच्छा दिखने के लिए अपना वजन भी काफी कम किया है। यह भी पढ़ें: हाल में मीडिया से हुई बातचीत में शार्मिन ने कहा है कि अभी वह ऑन-स्क्रीन नहीं दे पाएंगी। उन्होंने कहा, 'एक ऐक्ट्रेस के तौर पर मुझे बहुत कुछ करना है और मैं खुद को सीमित नहीं करना चाहती। हालांकि अभी, मैं स्क्रीन पर सेक्स सीन या न्यूड सीन नहीं दे पाऊंगी।' शार्मिन ने कहा, 'मुझे अभी ऐसे सीन करने के लिए बॉडी कॉन्फिडेंस डिवेलप करना है। मुझे लगता है कि चाहे आप लड़का हों या लड़की, अगर आप कॉन्फिडेंट नहीं हैं कि आप क्या परफॉर्म कर रहे हैं तो आप स्क्रीन पर बुरे ही दिखेंगे।' मूवी रिव्यू: शार्मिन का कहना है कि फिल्मों के लिए ग्लैमरस दिखना बुरा नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि जेंडर के आधार पर मापदंड निर्धारित करना भी गलत होता है। उन्होंने कहा, 'मुझे बुरा लगता है जब कोई कहता है कि तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि तुम एक लड़की हो। हमसे हमेशा उम्मीद की जाती है कि हम नम्र हों, हमें लोगों के बीच में डकार नहीं लेनी चाहिए या फार्ट नहीं करना चाहिए या हमें लोगों के बीच में कुछ खास तरीके से ही बैठना चाहिए क्योंकि हम लड़कियां हैं।' शार्मिन ने कहा, 'मेरा मानना है कि यह सब गलत नहीं है क्योंकि सब नैचरल है लेकिन या तो ये सब बातें सभी पर लागू हों या किसी पर नहीं। गाली देना सभी के लिए गलत होना चाहिए, चाहे वह लड़के हों या लड़कियां। आखिर ऐसा कैसे कह सकते हैं कि लड़कों का गालियां देना सही है और लड़कियों का गलत? मेरा कहना है कि अगर कुछ गलत है तो गलत है। केवल जेंडर के आधार पर इन्हें सही-गलत नहीं ठहराना चाहिए।'
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