ने 1983 में आई फिल्म 'मासूम' से डायरेक्शन की फील्ड में डेब्यू किया था। हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट के जरिए बताया कि लोगों ने उनसे फिल्म की स्क्रिप्ट चेंज करने को कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। फिल्ममेकर इस बात को लेकर खुश हैं कि उन्होंने लोगों की आवाजों चुप करने का साहस दिखाया और अपने विजन को फॉलो किया। फिल्म का पोस्टर शेयर करते हुए शेखर ने ट्वीट किया, 'कई सारे लोग चाहते थे कि मैं मासूम की स्क्रिप्ट चेंज कर दूं। लोग जो फेमस थे, अनुभवी थे और ज्ञानी थे, ने मुझसे कहा कि इसमें कोई ड्रामा नहीं है, कोई विलन नहीं है। मैं अनुभवहीन, अनजान, अकुशल और अप्रशिक्षित लेकिन बागी था। उसके लिए भगवान का शुक्र अदा करता हूं।' बता दें, फिल्म की कहानी एक ऐसे आदमी की थी जिसकी जिंदगी तब बदल जाती है जब उसे पता चलता है कि उसके पुराने अफेयर से उसका एक नाजायज बेटा है। फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, शबाना आजमी के साथ जुगल हंसराज और उर्मिला मातोंडकर चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर नजर आए थे। फिल्ममेकर के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर फिल्म की कहानी को लेकर डिबेट छिड़ गई। कई यूजर्स ने कहा कि नसीरुद्दीन स्टारर फिल्म हॉलिवुड की फिल्म 'मैन वुमन और चाइल्ड' का रीमेक थी। वहीं, कई लोगों ने कपूर को धन्यवाद दिया कि उन्होंने हॉलिवुड फिल्म की स्टोरी को हैपी एंडिंग दी। कुछ अन्य यूजर्स ने स्क्रिप्ट पर सवाल उठाए तो कुछ ने अपने समय की मास्टरपीस बनाने के लिए फिल्ममेकर को सपॉर्ट किया। देखें ट्वीट्स:
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